भारतीय शिक्षा प्रणाली पर 10 लाइन- 10 lines on Indian Education System in Hindi

दुनिया के किसी भी व्यक्ति के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है। क्योकि शिक्षा हमें अनुशासन, नैतिकता और सदाचार सिखाती है। किसी भी व्यक्ति की आर्थिक और सामाजिक स्थिति उसकी शिक्षा पर निर्भर करती है। लेकिन इसके साथ-साथ शिक्षा प्रणाली भी अच्छी होनी चाहिए। आज हम शिक्षा प्रणाली के बारे में 10 लाइन जानेंगे। https://www.examlabs.com

 

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10 lines on Indian Education System in Hindi

  1. प्राचीन भारत में गुरुकुल शिक्षा प्रणाली थी। उस समय शिक्षा गाँवों और शहरो से दूर वनों के गुरुकुल में दी जाती थी, जिसका संचालन ऋषि-मुनियों द्वारा होता था।
  2. छात्रो को शिक्षा लेने के लिए गुरु के आश्रम में जाना पड़ता था। भारत की नालंदा और तक्षशिला विद्यालय भी इसी तरह की थी।
  3. उसके बाद जब अंग्रेज़ो ने भारत को गुलाम बनाया तो उन्होंने गुरुकुल प्रणाली को समाप्त करके भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली की शुरुआत की।
  4. अंग्रेज़ो ने गुरुकुल में पढ़ाए जाने वाले उपनिषद, तत्त्वमसा और दर्शन जैसे विषयों को हटाकर विज्ञान, गणित और इंग्लिश जैसे विषयों को अपनाया।
  5. कई भारतीय विद्वानों के अनुसार यह हमारे लिए अच्छा बदलाव नहीं था। लेकिन अंग्रेज़ो की शिक्षा व्यवस्था में एक चीज बहुत अच्छी हुई कि, इसमें महिलाए को भी शिक्षा मिलने लगी।
  6. लेकिन भारत की आज़ादी के बाद हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देश में एक नई शिक्षा प्रणाली बनाने का फैसला किया। इसके लिए कई समितियों का गठन किया गया।
  7. इन समितियों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए एक योजना बनाई, जिसके तहत देश में नए स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय बनाए गए।
  8. इस शिक्षा प्रणाली से हमारे देश में शिक्षा का प्रसार बढ़ने लगा और साक्षरता दर में भी वृद्धि हुई।
  9. 2011 के आंकड़ो के मुताबिक देश की कुल साक्षरता 73.0 प्रतिशत और महिलाओं की साक्षरता 64.6 प्रतिशत थी।
  10. इस प्रकार वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली से हमें बहुत लाभ हुआ है, लेकिन इसमें कुछ कमजोरियाँ भी है।

 

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10 lines on Indian Education System in Hindi

  1. दुनिया की हर चीज को समय-समय पर परिवर्तन की जरूरत होती है। क्योकि जब किसी चीज़ में परिवर्तन नहीं होता तो वह चीज़ कुछ समय बाद पुरानी हो जाती है।
  2. भारत की शिक्षा प्रणाली में लंबे समय तक कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, जिसकी वजह से आज हमारी शिक्षा प्रणाली काफी कमजोर मानी जाती है।
  3. दुनिया के कई विकसित देश हर 2 साल में अपने स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम में बदलाव करते है।
  4. हमारी शिक्षा प्रणाली में बदलाव ना करने की वजह से पाठ्यक्रम पुराना हो गया है। इसलिए आज हमें पाठ्यक्रम में कुछ प्रेक्टिकल विषयो को शामिल करना चाहिए जो छात्रो के जीवन में उपयोगी हो सके।
  5. हमारे पास 19वीं सदी का पाठ्यक्रम, 20वीं सदी की शिक्षा प्रणाली और 21वीं सदी के छात्र है। इस तरह पाठ्यक्रम और छात्रों के बीच एक बड़ा अंतर है।
  6. इसीलिए वर्तमान में हमें देश की शिक्षा प्रणाली के बुनियादी ढांचे में बदलाव लाना जरूरी है।
  7. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जी ने भी कहा था कि वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली को पूर्ण रूप से सुधार करने की बहुत आवश्यकता है।
  8. गांधी जी ने भी शिक्षा के बारे में कहा था कि शिक्षा बच्चों में शारीरिक, मानसिक और नैतिक शक्तियों का विकास करने के लिए है, न कि उन्हें किताबी कीड़ा बनाने के लिए।
  9. हमें छात्रों के कौशल पर ज्यादा ध्यान देना होगा और उनके अंकों को महत्व देना बंद करना होगा।
  10. हमारे देश में ऐसी शिक्षा प्रणाली को अपनाना होगा, जो छात्रों की संज्ञानात्मक और रचनात्मक सोच को बढ़ाए।

 

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5 lines on Indian Education System in Hindi

  1. आज का युग कंप्यूटर का है, इसलिए हमारी स्कूलों में कंप्यूटर विषय मुख्य विषयों में से एक होना चाहिए।
  2. देश के छात्रों तक अच्छी शिक्षा पहुंचाने के लिए अच्छे शिक्षण स्टाफ का होना भी बहुत जरूरी है।
  3. हमें छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ कला, खेल और अन्य गतिविधियों को महत्व देना होगा।
  4. अगर हम इन सभी चीज़ों को अपना लें, तो शायद हम वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में सुधार ला सकते है।
  5. जब हमारी शिक्षा प्रणाली में सुधार होगा तो हमें विश्व के विकसित देशो में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता।

 

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निष्कर्ष

भारत के युवाओं को डिग्री के पीछे न दौड़कर शिक्षा के क्षेत्र में व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। क्योकि वर्तमान समय में दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भी डिग्री देखे बिना व्यावहारिक दृष्टिकोण वाले युवाओं को नियुक्त करती है। जिसमें Google, Microsoft और Facebook जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल है।

 

FAQ

Q- राष्ट्रीय शिक्षा नीति कब आई ?

ANS- 1968 

Q- भारतीय शिक्षा आयोग के अध्यक्ष कौन थे ?

ANS- डॉ दौलत सिंह कोठारी

 

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