स्वामी विवेकानंद पर 10 लाइन- 10 lines on Swami Vivekananda in Hindi

भारत की भूमि पर अनेक विद्वानों, महान पुरुषों और ऋषि-मुनियों ने जन्म लिया है। इन्हीं सब लोगों की वजह से आज दुनिया में भारत का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। इन महापुरुषों में एक स्वामी विवेकानंद का नाम भी शामिल है। स्वामी विवेकानंद ने अपने कार्यों से भारत को पूरे विश्व में प्रसिद्ध किया है। आज हम स्वामी विवेकानंद के बारे में 10 लाइन जानने वाले है।

 

Table of Contents

10 lines on Swami Vivekananda in Hindi

  1. स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के शिमला पल्लै में हुआ था।
  2. उनका शुरुआती दिनो में नाम नरेन्द्र दत्त था ।
  3. स्वामी जी के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था।
  4. अपने पिता के तर्कपूर्ण मस्तिष्क और माता के धार्मिक स्वभाव से स्वामी विवेकानंद बचपन से बहुत प्रभावित थे।
  5. स्वामी जी को केवल 5 साल की उम्र में मेट्रोपॉलिटन इंस्टीट्यूट में प्रवेश कराया गया था।
  6. स्वामी जी ने साहित्य, इतिहास और दर्शन जैसे विषयों का अध्ययन जनरल असेम्बली कालेज से किया था ।
  7. अपनी युवा अवस्था में स्वामी विवेकानंद ब्रह्म समाज से परिचित हुए और गुरु रामकृष्ण के संपर्क में आए थे।
  8. स्वामी जी ने अपने गुरु के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी।
  9. आधुनिक भारत में हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने का श्रेय स्वामी विवेकानंद को जाता है।
  10. रवीन्द्रनाथ टैगोर, अरबिंदो घोष और जमशेद जी टाटा जैसे कई बड़े लोगो ने स्वामी विवेकानंद को भारतीय राष्ट्रवाद का मसीहा कहा है ।

 

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5 lines on Swami Vivekananda in Hindi

  1. स्वामी विवेकानंद एक धार्मिक व्यक्ति थे। उन्होंने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व मे हिंदू धर्म का सही ज्ञान फैलाया था।
  2. स्वामी जी कई बार खुद भूखे रहते और गरीबो को खाना खिलाते। कई बार वह खुद वर्षा में भीग कर अथिति को विश्राम के लिए अपना बिस्तर दे देते थे।
  3. हर मनुष्य के प्रति स्वामी जी का व्यवहार बहुत ही सरल और विनम्र था।
  4. इसलिए हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी उनकी प्रशंसा की थी।
  5. वास्तव में, स्वामी विवेकानंद के विचार और उनका व्यक्तित्व बहुत ही जबरदस्त था।

 

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20 lines on Swami Vivekananda in Hindi

  1. 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा था।
  2. वहाँ स्वामी विवेकानंद को खेतड़ी के महाराजा द्वारा भारत के प्रतिनिधि के रूप में भेजा गया।
  3. स्वामी विवेकानंद ने इस धर्म सम्मेलन में भारत की संस्कृति, सभ्यता, आध्यात्मिकता और हिंदू धर्म के बारे में लोगो को बहुत गहराई से समझाया।
  4. उन्होने अपने भाषण से वहां मौजूद सभी लोगो को आश्चर्यचकित कर दिया था।
  5. यह सम्मेलन 17 दिनों तक चला, लेकिन इन 17 दिनों में स्वामी विवेकानंद पूरे विश्व में प्रसिद्ध हो गए थे।
  6. इसी कारण आज भी स्वामी विवेकानंद भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
  7. स्वामी जी ने पूरा भारत भ्रमण करके लोगो तक सनातन धर्म के साथ-साथ अमन और भाईचारे का संदेश पहोंचाया था।
  8. स्वामी विवेकानंद ने मनुष्य जाती की बहुत सेवा की और देश से अशिक्षा और गरीबी मिटाने के लिए कई प्रयास किए थे।
  9. इसलिए उन्होंने 5 मई 1897 को कलकत्ता के वेल्लोर में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी।
  10. स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मठ और बेलूर मठ जैसे कई मठों की स्थापना की।
  11. उन्होंने समाज में फैली कुप्रथाओं का विरोध करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
  12. वह अक्सर कहा करते थे कि मंदिरों में दान करने के बजाय भूखे लोगों को खाना खिलाना चाहिए।
  13. स्वामी विवेकानंद ने आध्यात्मिक और धार्मिक शिक्षाओं का प्रसार पूरे भारत देश मे किया था ।
  14. उन्होंने महिलाओं के सम्मान और उत्थान के लिए कई प्रयास किए थे, क्योंकि उनका मानना था कि महिलाओं की उन्नति के बिना देश का विकास करना बहुत मुश्किल है।
  15. स्वामी विवेकानंद बहुत मेहनती थे, जिसकी वजह से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता था। इसी कारण 4 जुलाई 1902 में सिर्फ 39 वर्ष की आयु में स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया।
  16. लेकिन इतने कम जीवन में भी उन्होंने ऐसा कमाल कर दिया, जो लंबी उम्र बिताने के बाद भी शायद कोई नहीं कर पाता।
  17. उनका अंतिम संस्कार बेलूर मठ में किया गया था।
  18. स्वामी विवेकानंद ने अपना पूरा जीवन इस देश को समर्पित कर दिया था।
  19. सुभाष चन्द्र बोस ने स्वामी विवेकानंद को आधुनिक भारत का निर्माता कहा था।
  20. चक्रवर्ती राजगोपालाचारी ने कहा था कि स्वामी विवेकानंद वह व्यक्ति थे, जिन्होंने भारत और हिन्दू धर्म को बचाया था।  

 

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निष्कर्ष :

स्वामी विवेकानंद ने धर्म की सही व्याख्या करते हुए कहा था कि सच्चा धार्मिक व्यक्ति वह नहीं जो ईश्वर को सबसे ज्यादा दान देता है। बल्कि सच्चा धार्मिक व्यक्ति वह है जो भूखे को अन्न दे और पीड़ित के दुखों को दूर करे। स्वामी विवेकानंद जैसे महापुरुष बार-बार नहीं बल्कि सदी में एक बार ही आते हैं। ऐसे महापुरुषों को हमें कभी नहीं भूलना चाहिए।

 

FAQ

Q- स्वामी विवेकानंद का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

ANS- 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के शिमला पल्लै में

Q- जन्म के समय स्वामी विवेकानंद का क्या नाम था ?

ANS- नरेन्द्र दत्त  

Q- स्वामी विवेकानंद ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना कहाँ की थी ?

ANS- कलकत्ता के वेल्लोर में

 

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