एक मनुष्य को अपने जीवन के लिए जितनी भी चिजे आवश्यक होती है, वह सभी चिजे प्रकृति देती है। जैसे मनुष्य अपनी भूख को संतुष्ट करने के लिए अनाज का उपयोग करता है, प्यास बुझाने के लिए पानी पिता है और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन वायु का उपयोग करता है। ये सभी प्रकृति का हिस्सा है। प्रकृति के कारण ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। अगर प्रकृति न हो तो पृथ्वी भी ब्रह्माण्ड के बाकी ग्रहों की तरह बन जाए।
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प्रकृति का अर्थ
मनुष्य के आस-पास की सभी चिजे प्रकृति है। लेकिन पृथ्वी पर प्रकृति का कोई एक रूप नहीं है, वो कई भागो में विभाजित है। प्रकृति का निर्माण जल, वायु और अग्नि से हुआ है। बड़े-बड़े जंगलों से लेकर गर्म और रेतीले रेगिस्तानों तक, उछलते हुए समुद्र और नदिया के पानी से लेकर विशाल और लंबी पर्वत की श्रेणियों तक और रंगीन फूलो वाले असंख्य बगीचो का समावेश प्रकृति में होता है।
इसके साथ-साथ हमारे आस-पास का वातावरण, अन्न, पशु-पक्षी आदि को भी हम प्रकृति में शामिल कर सकते है। ये सभी चिज़े मनुष्य के लिए एक वरदान समान है, क्योकि प्रकृति से हमारा मन प्रफुल्लित हो जाता है और दिल को सुकून मिलता है।
प्रकृति का सौंदर्य
हमारे जीवन की अत्यंत उपयोगी और मूल्यवान चीजें प्रकृति ने हमें प्रदान की है। हर सुबह हमें प्रकृति का एक बहुत ही खूबसूरत रूप देखने को मिलता है। समुद्र में सांज के समय सूर्यास्त का नज़ारा मनमोहक होता है। इसके साथ-साथ चमकिले सितारें, नीला आकाश और वर्षा ऋतु के रंगीले इंद्रधनुष को भी हम कैसे भूल सकतें है। पहाड़ों पर चढ़ने का आनंद और गिरते झरनों से पानी की खूबसूरती निहारना प्रकृति का एक अलग ही सौंदर्य है।
गंगा, यमुना, सरस्वती आदि नदियाँ पूरे विश्व में भारत का यशगान गाती है। दक्षिण भारत के नारियली पेड, मध्य भारत के फलदार पेड़ उतर भारत की झीलें और स्वर्ग जैसे बगीचे देश के सौंदर्य को और उन्नति देते है।
इन सबके अलावा छे-छे ऋतुए हमारे देश के सौंदर्य को और बढावा देती है। जिसमें वर्षा, हेमंत, शिशिर, वसंत, ग्रीष्म और शरद ऋतुए शामिल है। इस वजह से भारत विश्व का पहला देश है, जहां ऋतुओं में इतनी भिन्नता है। जैसे गर्मियों में फलों का आनंद, बारिश में धरती पर स्वर्ग जैसी हरियाली और शरद में संध्याकाल की मज़ा। इस तरह भारत की भूमि स्वर्ग से भी सुंदर बन जाती है।
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प्रकृति का महत्व
दुनिया में हर इंसान के लिए प्रकृति का बहुत महत्व है। प्रकृति के बिना हम इस दुनिया की कल्पना नहीं कर सकते, क्योंकि पृथ्वी का हर पहलू प्रकृति पर निर्भर है। ज़मीन, आकाश, पहाड़, नदिया, समुद्र, पेड़-पौधे, फल-फूल, पशु-पक्षि जैसी कई चिज़े मिलकर मिलकर प्रकृति बनती है। इन सभी चीजों का उपयोग मनुस्य अपनी ज़िंदगी में करता है। प्रकृति हमें शिक्षा भी देती है। जैसे कि फलों के जुके हुए पेड़ हमें यह सीखाते है कि हमें अपनी ज़िंदगी में विनम्र कैसे रहना है। पहाड हमें यह सीखाते है कि वीपरीत परिस्थितियों में भी हमें किस तरह खड़े रहना है। फूल हमें मुस्कुराना सीखाता है।
लेकिन इतना सबकुछ देने के बाद भी आज का मानवी आधुनिक बनने की दौड़ में प्रकृति को बर्बाद करने लगा है। जैसे आज दुनिया का हर देश आगे बढ़ना चाहता है। इसलिए वह कुछ न कुछ अविष्कार करता रहता है। लेकिन इन आविष्कारों के कारण प्रकृति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब इस धरती पर मनुष्य का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
प्रकृति को नुकसान पहुंचाने से कुदरती आपदाएं बढ़ेंगी। इसीलिए आए दिन हम दैनिक समाचार में देखते है कि दुनिया में भूकंप, सुनामी और तूफान जैसी समस्याएं हर दो-तीन दिन में आती रहती है। इसके साथ-साथ हमने अपने लाभ के लिए ग्रीन हाउस प्रभाव, पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई विनाशकारी कारणो को अपनाया है। हमें इस चीज़ को कभी नहीं भूलना चाहिए कि पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहा जीवन शक्य है। इसलिए हमें इसे संरक्षित करने पर जरूर विचार करना चाहिए।
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प्रकृति और मानव
प्रकृति की गोद में आकर मनुष्य को साहस और आत्मविश्वास मिलता है। उसके अंदर एक नई ऊर्जा और जज्बा पैदा होता है। प्रकृति द्वारा इतना कुछ देने के बाद भी मनुष्य प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने के लिए आज मनुष्य के पास बिलकुल समय ही नहीं है। मनुष्य सांसारिक सुखों को प्राप्त करने में इतना ज्यादा व्यस्त हो गया है कि उसे न तो पशु-पक्षियों की सुनहरी आवाजें सुनाई देती है और न ही उसके पास वर्षा ऋतु के इन्द्रधनुष को देखने का समय होता है। वो अब सिर्फ धन को सुनता है और धन को देखता है।
आज का मनुष्य अपना अधिकतर समय टेलीविजन, मोबाइल और इंटरनेट में बिताता है। इससे ज्यादातर लोग अपना समय घर में ही बिताते है। एक रिसर्च के मुताबिक पता चला हे की ज़्यादातर घर में रहने से तनाव बढ़ता है। इसी वजह से तो आज लोगो में मानसिक तनाव की बीमारिया बढ़ रही है। लेकिन पेड़-पौधो की हरियाली से मानसिक तनाव कम होता है। प्रकृति शरीर की कई बीमारिया भी दूर कर देती है।
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प्रकृति का संरक्षण
जब कोई चीज हमें जीवन में लाभ देती है, तो उसे महत्व देना और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य बन जाता है। लेकिन आज के समय में मनुष्य दिन-प्रतिदिन लालची बनता जा रहा है। अपने स्वार्थ के लिए वह दुनिया की किसी भी चीज़ को हानि पहुंचा सकता है। जैसे प्रतिदिन पेड़ काटना, जल और वायु को प्रदूषित करना, हर जगह कचरा फैलाना आदि।
आज मनुष्य जितना प्रकृति को प्रदूषित कर रहा है, कल वही कचरा बाढ़ और भूकंप के रूप में निकलेगा और बड़ी मात्रा में हमें नुकसान पहुंचाएगा। इससे पहले कि प्रकृति हम पर हावी हो जाए, हमें प्रकृति के महत्व को समझना होगा और उसका संरक्षण करना होगा। इसके लिए हमें सबसे पहले पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकना होगा और अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे। क्योंकि आज हरे-भरे पौधों की जगह बड़ी-बड़ी इमारतें और राक्षसी फैक्ट्रियां बन गई है। अगर हम पेड़ों की कटाई को रोकने में सफल हो जाते है, तो इससे हम भूमि और वायु दोनों को सुरक्षित रख सकते है।
दुनिया में जो भी चीजें प्रकृति के लिए हानिकारक है, हमें ऐसी चीजों का इस्तेमाल कम करना होगा। क्योंकि जो चीज़ प्रकृति के लिए खतरनाक है वह हमारे लिए कभी फायदेमंद नहीं हो सकती है। इसके साथ-साथ पर्यावरण को स्वच्छ रखने की कोशिश हमें करनी होगी और कम से कम प्रदूषण फैलाना होगा। हमें पानी को स्वच्छ रखने के लिए भी सही कदम उठाने होंगे।
इसके साथ-साथ हमें ज्यादा-से-ज्यादा लोगो को स्वच्छता के बारे में जागरूक करना होगा। जीव-जंतु और पशु-पक्षी को सुरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि प्रकृति पर जितना हक एक मनुष्य का है उतना ही जीव-जन्तु और पशु-पक्षी का भी है। प्रकृति का महत्व हर उस व्यक्ति तक पहुंचाना है जो प्रकृति का नुकसान कर रहे है। तभी हम प्रकृति को नुकसान होने से बचा पाएंगे।
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निष्कर्ष
प्रकृति से जुड़ा हुआ व्यक्ति अक्सर शांत होता है। इसलिए हर मनुस्य को प्रकृति के साथ कुछ समय जरूर बिताना चाहिए। लेकिन फिर ही आज हम क्यों लगातार प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे है। जबकि प्रकृति के बिना इस दुनिया में जीवन बिलकुल असंभव है। इसलिए हमें प्रकृति को स्वच्छ और स्वस्थ रखने का प्रयास जरूर करना चाहिए। क्योकि अगर प्रकृति ने अपना असली रूप दिखाना शुरू किया तो कई लोग अपनी आने वाली पेढ़ियो को देख नहीं पाएंगे। मनुष्य का अस्तित्व खत्म हो जाएंगा। इसलिए हमें आज से ही प्रकृति का संरक्षण करना चाहिए। (प्रकृति पर निबंध)
FAQ
प्रकृति से हमें क्या क्या लाभ है ?
मनुष्य के जीवन में जितनी चिजे आवश्यक होती है, वह सभी चिजे प्रकृति देती है। जैसे मनुष्य की भूख संतुष्ट करने के लिए अनाज, प्यास बुझाने के लिए पानी और सांस लेने के लिए ऑक्सीजन वायु हमें प्रकृति देती है।
प्रकृति हमारे लिए क्यों जरूरी है ?
प्रकृति के बिना दुनिया में जीवन असंभव है, इसलिए प्रकृति हमारे लिए जरूरी है।
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