दुनिया की किसी भी चीज़ का निरंतर उपयोग करने के बाद एक समय एसा जरूर आता है, जब वह किसी काम की नहीं रह जाती। उस समय हम ऐसी चीजों को फेंक देते है, जिसे कचरा या अपशिष्ट कहा जाता है। लेकिन यह कचरा भविष्य में इंसानों को काफी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम कचरे का प्रबंधन कर अपने आस-पास स्वच्छता बनाए रखें।
इसके अलावा आज भी हमारे देश के ज़्यादातर घरो में शौचालय की सुविधा नहीं है। जिसके कारण लोग शौच करने के लिए अपने घरों से बाहर जाते है। इसकी वजह से न सिर्फ प्रकृति को नुकसान होता है बल्कि गंभीर बीमारिया फैलने का भी डर रहता है। इन वजहों के कारण ही भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरूआत की। इस अभियान के तहत भारत को स्वच्छ करने की बात कही गई है।
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स्वच्छ भारत अभियान क्या है?
अपने आसपास साफ-सफाई रखना मनुष्य की नैतिक जिम्मेदारी है। परंतु वर्तमान समय में हम सभी लोग अपने घर की सफाई करते है और उसे स्वच्छ रखते है, लेकिन क्या हम गली-मोहल्ले और सार्वजनिक स्थानों की सफाई करते है, बिलकुल नहीं। जब हम इन जगहों की सफाई नहीं करते तब हमारे चारों ओर गंदगी फैल जाती है। इसकी वजह से नए-नए रोग उत्पन्न होते है।
इसीलिए भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान की नींव रखी, जिसके तहत भारत को स्वच्छ करने की बात कही गई है। इस अभियान से देश का हर शहर, गांव, सड़के और गलियां साफ-सुथरी होगी। इससे हमारा वातावरण भी शुद्ध रहेगा और नए-नए रोग भी उत्पन्न नहीं होगे। देश के बुनियादी ढांचे को बदलना और हर घर में शौचालय का निर्माण करना इस अभियान का प्रमुख उदेश्य है।
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स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कब हुई?
गांधी जी ने आजादी से पहले ही भारत को स्वच्छ बनाने की कल्पना की थी। लेकिन भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1999 में ग्रामीण स्वच्छता अभियान के माध्यम से भारत को स्वच्छ बनाने का अभियान शुरू किया। यह अभियान इतना प्रभावी नहीं था। इसके बाद 2012 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस योजना में बदलाव किया और इसका नाम बदलकर निर्मल भारत अभियान कर दिया। परंतु यह अभियान भी अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका।
इसके बाद 2014 में भारत का लोकसभा चुनाव हुआ, जिसमें बीजेपी पार्टी विजेता बनी। इस सरकार ने भारत की बिगडती छवि में सुधार के लिए फिर से इस अभियान की शुरुआत की और इस बार नाम स्वच्छ भारत अभियान रखा गया। 2 अक्टूबर, 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा महात्मा गांधी की 145वी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान को महात्मा गांधी स्वच्छ भारत अभियान और क्लीन इंडिया मूवमेंट भी कहा जाता है।
इस अभियान का उदेश्य देश के हर नागरिक को उनके घर या घर के नज़दीक शौचालय की व्यवस्था कर देना था। स्वच्छ भारत अभियान को महात्मा गांधी की 145वी जयंती पर शुरू किया गया और उनकी 150वीं जयंती पर पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया। इस अभियान को अब तक का सबसे बड़ा स्वच्छता अभियान माना जाता है। क्योकि इसमें लगभग 30 लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और स्कूल-कॉलेजों के विध्यार्थीओ ने भाग लिया था।
महात्मा गांधी जी से जुड़ा है यह अभियान
गाँधी जी का मानना था की, स्वच्छता तो स्वतंत्रता से भी अधिक जरूरी है। क्योंकि अगर हमारे आस-पास स्वच्छता होगी तो हमारा जीवन स्वस्थ और शांतिपूर्ण रहेगा। जब गांधी जी आश्रम में रहते थे तब हररोज सुबह 4:00 बजे उठकर खुद आश्रम की सफाई करते थे। वर्धा आश्रम में तो उन्होने अपना शौचालय भी बनवाया था जिसे हर-दिन खुद साफ किया करते थे।
उन्होने भारत को एक स्वच्छ देश बनाने का सपना देखा था और इसके लिए काफी प्रयास भी किए थे। लेकिन उस समय हमारे देश की गरीबी इतनी अधिक थी की गंदगी को नियंत्रण करना मुश्किल था। इसीलिए गांधी जी अंत में भारत को स्वच्छ बनाने में सफल न हो सके। परंतु दुर्भाग्य की बात तो यह है कि हमारी आजादी के 74 साल बाद भी आज हम स्वच्छता के मामले में काफी पीछे है। भारत सरकार भी कई सालो से बापू के इस सपने को हकीकत में बदलने का प्रयास कर रही है। उन्हीं प्रयासों में से एक प्रयास है, स्वच्छ भारत अभियान।
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हमारे देश को स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता क्यो हुई?
इस अभियान को लाने की हमारी सबसे पहली आवश्यकता थी, भारत को खुले में शौच मुक्त करना। क्योकि हमारे देश के कई गाँवो में आज भी शौचालय नहीं है। जिसके कारण यह लोग खुले में शौच करने जाते है और इससे बहुत गंदगी फैलती है। यही गंदगी कुछ समय बाद नई बीमारियों को आमंत्रण देती है। हमारे लिए यह बेहद जरुरी था कि भारत के हर घर में शौचालय हो ओर खुले में शौच प्रवृति खत्म हो।
इसके साथ-साथ देश के कई जगहो पर एसी परंपराए है कि जब तक अंधेरा नहीं हो जाता तब तक महिलाए शौच के लिए बाहर नहीं जा सकतीं। ऐसी परंपराओ के कारण महिलाओ को शौच करने के लिए रात होने की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उस समय उन्हें किस प्रकार की शारीरिक यातना होती होगी। इसलिए भी हमें स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता हुई, ताकि देश के हर घर तक भारत सरकार शौचालय की व्यवस्था कर सके।
इसके अलावा हमारे देश में मौजूद कूड़े-कचरे को हम कैसे नज़रअंदाज कर सकते है। हमारे देश के हर गांव, शहर और गली-मोहल्ले कूड़ा-करकट और गंदगी से भरे पड़े है। 2018 के कुछ आंकड़ों के मुताबिक भारत प्रति दिन 1 लाख मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न करता है। हमारे पास इस कचरे को सही तरह से निपटान करने की कोई व्यवस्था नहीं है। हमारे देश मे इतनी ज्यादा गंदगी होने की वजह से विदेशी लोग भी भारत आना पसंद नहीं करते। जिसका असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
मनुष्य के साथ-साथ जीव-जंतुओं को भी कचरे की वजह से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इन सभी चीज़ों को ध्यान में रख कर भारत सरकार को पता चला की हमें एक ऐसे अभियान की जरूरत है, जो इन सारी चीज़ों को जड़ से खत्म कर दे। और यही से स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता हुई।
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य
- स्वच्छ भारत अभियान का सबसे पहला उद्देश्य देश को स्वच्छ बनाना है।
- इस अभियान के तहत लगभग 11 करोड़ 11 लाख व्यक्तिगत और सामूहिक शौचालयों का निर्माण होगा।
- देश के प्रत्येक व्यक्ति को खुले में शौच करने से रोकना और भारत के हर शहर और ग्रामीण इलाकों के घरो में शौचालय का निर्माण होगा।
- शौचालय के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए लोगो में जागरूकता पैदा करना।
- इस अभियान के तहत ठोस और तरल कचरे को ग्राम पंचायत द्वारा अच्छी तरह से प्रबंधन किया जाएगा।
- 2019 तक भारत के सभी घरों में पानी की पूर्ति सुनिश्चित करना और गाँवों में पाइपलाइन लगवाना। जिससे गाँवों की स्वच्छता बनी रहे।
- भारत के हर शहर और गांव की प्रत्येक सड़क, गली और मोहल्ले साफ-सुथरे रखना। इसके साथ-साथ हर गली-महोल्ले में एक कूड़ादान स्थापित होगा।
- स्वच्छता के प्रति लोगों की मानसिकता बदलना भी इस अभियान का मुख्य उदेश्य है।
- लोगो को नियमित बारिश और शुद्ध हवा मिल सके इसके लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य भी रखा गया है।
- स्वच्छ भारत अभियान के सभी उद्देश्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रधानमंत्री मोदी जी ने 5 साल की योजना बनाई है।
शहरी क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शहरों मे अस्पताल, रेलवे स्टेशन, पोस्ट ऑफिस, सरकारी कार्यालय, बस स्टैंड, बैंक और मुख्य बाजार के पास सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे। लेकिन कई जगहो पर सार्वजनिक शौचालय बनाना संभव नहीं होता है। ऐसी जगहो पर सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा।
आंकड़ो की बात करे तो शहरी क्षेत्रों मे 2.6 लाख सार्वजनिक शौचालय और 2.5 लाख सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाएगा। यह अभियान मुख्य 4401 शहरों पर लागू किया जाएगा, जिसका बजट 62,009 करोड़ रुपय है। इसमें केंद्र सरकार 14,623 करोड़ रुपये देगी और बाकी के राज्य सरकारे देने है।
इस अभियान को ध्यान में रखकर ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक अच्छा निर्णय लिया है। इस निर्णय के मुताबिक अब सरकारी भवनों और कार्यालयो में कोई भी व्यक्ति तंबाकू, गुटका, पान आदि का सेवन नहीं करेगा। इसका मतलब यह है कि व्यसन पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान
आधुनिक युग में शहरों का विकास तो काफी तेजी से हो रहा है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रो का विकास उतना नहीं हो रहा है। इसका मतलब यह नहीं है की, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कोई प्रयास नहीं किया। भारत सरकार ने गांव के लोगो को सुख-सुविधा देने के लिए कई योजनाए बनाई थी। परंतु वर्तमान समय में उन योजनाओं का सम्पूर्ण लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को नही मिलता है।
इसलिए भारत सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया है। एक अनुमान के मुताबिक भारत की कुल आबादी लगभग 1.2 बिलियन है। लेकिन 600 मिलियन से भी ज्यादा लोगो के पास आज भी शौचालय नही है। गावों के 72 प्रतिशत से ज्यादा लोग शौच करने के लिए घर से बाहर जाते है। इसी वजह से स्वच्छ भारत अभियान का पहला उदेश्य देश के हर घर में शौचालयों का निर्माण करना और खुले में शौच की समस्या को खत्म करना है।
इसके लिए भारत सरकार ने सिर्फ गाव में 11 करोड़ 11 लाख शौचालयों के निर्माण का वादा किया है। जिसका सम्पूर्ण खर्च करीब एक लाख करोड़ रुपए था। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर के शौचालय निर्माण के लिए 10000 रुपए दिये गए है। लेकिन महंगाई के चलते इस राशि को 10000 रुपये से बढ़ाकर 12000 रुपये कर दिया गया है। इस अभियान को गांव के हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए स्कूल के शिक्षक, छात्र और ग्राम पंचायत को इसमें शामिल किया जाएगा, ताकि लोगों में जल्द से जल्द स्वच्छता के प्रति जागरूकता पैदा हो सके।
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स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान
हमारे देश मे स्वच्छ भारत अभियान के साथ-साथ स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान भी चलाया गया था। इस अभियान को केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया था। स्वच्छ भारत स्वच्छ विद्यालय अभियान का मुख्य उदेश्य स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस अभियान के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन मे कई स्वच्छता के कार्यक्रम आयोजित किये गए।
जो इस प्रकार है,
- स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा करना
- स्वच्छता से संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा
- स्वच्छता से संबंधित निबंध, भाषण, वाद-विवाद और चित्रकला जैसी प्रतियोगिताओं का आयोजन करना
- स्कूल, पुस्तकालय और प्रयोगशाला की सफाई करना
- शौचालय और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना
- रसोई-घर, खेल के मैदान, बगीचों की सफाई करना
- स्कूलों में हरियाली के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाना
- इस अभियान के तहत सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाएगा। इसमे विद्यार्थी, शिक्षक और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।
स्वच्छ भारत अभियान में शामिल मंत्रालय
- पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय
- शहरी विकास मंत्रालय
- ग्रामीण विकास मंत्रालय
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम व निगम
- गैर सरकारी संगठन और
- राज्य सरकार
ऊपर बताए गए सभी मंत्रालय और राज्य सरकार स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने मे अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे है ।
स्वच्छ भारत अभियान के लिए चुने गए महत्व के व्यक्ति (ब्रांड एंबेसडर)
अपने आस-पास सफाई रखना यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान समय में हम अपनी जिम्मेदारियो को भूल गए है। इसीलिए हमें स्वच्छ भारत जैसे अभियान को लाना पड़ता है।
अगर हमें इन अभियानो को लोगों तक पहुचाना है, तो हर क्षेत्र के प्रसिद्ध लोगो को इसमें शामिल करना होगा। क्योकि सामान्य लोग ऐसे व्यक्तियों से बहुत प्रभावित होते है। इसीलिए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ने स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार के लिए कुछ बड़ी हस्तियों और प्रभावी लोगो को चुना था।
जिनके नाम कुछ इस प्रकार है,
- बाबा रामदेव (योग गुरु)
- सलमान खान (अभिनेता)
- कमल हसन (अभिनेता)
- प्रियंका चोपड़ा (अभिनेत्री)
- सचिन तेंडुलकर (क्रिकेटर)
- विराट कोहली (क्रिकेटर)
- महेन्द्र सिंह धोनी (क्रिकेटर)
- शशि थरूर (संसद के सदस्य)
- मृदुला सिन्हा (लेखिका)
- अनिल अंबानी (उद्योगपति)
- तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम
स्वच्छ भारत अभियान का प्रतीक और आदर्श वाक्य
इस अभियान का प्रतीक (logo) बनाने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जो व्यक्ति उस प्रतियोगिता में विजेता बनेगा, उस व्यक्ति का प्रतीक ही स्वच्छ भारत अभियान का प्रतीक होगा। इस प्रतियोगिता में महाराष्ट्र राज्य के अनंत खसबरदार विजेता हुए और उनके द्वारा बनाया गया प्रतीक ही स्वच्छ भारत अभियान का आधिकारिक लोगो कहा गया। अनंत खसबरदार के लोगो में एक चश्मा है, जो गांधीजी के चश्में के संकेत के तौर पर बनाया गया है और इसी चश्में के बीच में स्वच्छ भारत लिखा गया है ।
स्वच्छ भारत अभियान का आदर्श वाक्य है, एक कदम स्वच्छता की ओर।
निष्कर्ष
दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश यानि भारत में इस तरह का अभियान चलाना कोई सामान्य बात नहीं है। क्योकि यहा कई धर्म और जाति के लोग रहते है। इन सभी लोगों के बीच बिना किसी भेदभाव के इस अभियान को सफल बनाना बहुत मुश्किल काम था। इसलिए स्वच्छ भारत अभियान भले ही इतना सफल न हुआ हो, लेकिन इसकी वजह से लोगो में स्वच्छता के प्रति काफी जागरूकता आई है। इसे हम बिलकुल भी नकार नहीं सकते है।
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FAQ
Q : स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कब हुई ?
ANS : 2 अक्टूबर, 2014
Q : स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य क्या है ?
ANS : भारत को खुले में शौच मुक्त करके स्वच्छ देश बनाना इस अभियान का उदेश्य है।
Q : स्वच्छ भारत अभियान का आदर्श वाक्य क्या है ?
ANS : एक कदम स्वच्छता की ओर
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