(2022) आत्मनिर्भर भारत पर निबंध- Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi

जब कोरोना वायरस की वजह से सारे विश्व में लाकडाउन हुआ था, तब हर किसी देश को खाने-पीने और दवाइया जैसी चीज़ों में परेशानी होने लगी। इसी महामारी के संकट को देखते हुए विश्व के हर देश को आत्मनिर्भर होने की जरुरत पड़ी थी। आत्मनिर्भर यानि किसी अन्य व्यक्ति या देश पर आश्रित न होकर खुद पर निर्भर होना। अगर हमारा देश हर क्षेत्र में खुद पर निर्भर हो और उसे दुनिया में किसी दूसरे की मदद न लेनी पड़े उसे आत्मनिर्भर कहा जाता है। हर छोटी से बड़ी चीज़ का निर्माण हमारे देश में ही हो। इससे हमें किसी दूसरे देश के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

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आत्मनिर्भर बनना भारत का सपना

1947 में जब हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था, तब से भारत आत्मनिर्भर बनने का सपना देख रहा है। बल्कि आजादी से पहले ही महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए आत्मनिर्भर भारत की ओर पहला कदम बढ़ाया था। इस आंदोलन में लोगों को विदेशी वस्तुओं पर निर्भर न रहकर भारत की बनी वस्तुओं पर निर्भर रहने की अपील की गई थी। लोगो ने विदेशी कपड़े पहनना बंद कर दिया और देश के हाथ से बुने हुए कपड़े पहनने लगे थे। इस तरह भारत को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा सबसे पहले महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से मिली थी।

लेकिन हमारे लिए यह बहुत दुख की बात है कि, आजादी के 70 साल बाद भी आज हम आत्मनिर्भर भारत से कोसों दूर है। परंतु कोरोना वायरस की इस महामारी ने एक बार फिर भारत को आत्मनिर्भर बनने पर मजबूर कर दिया है। ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के सभी देशो को कोरोना वायरस ने आत्मनिर्भर बनने पर मजबूर कर दिया है। क्योकि उस समय कोई विकसित देश चाहकर भी दूसरे देश की मदद नहीं कर पाया था। ऐसे समय में हमारे देश को भी मेडिकल चीज़ों की भारी किल्लत हो गई थी।

 

आत्मनिर्भर भारत बनने का अवसर

कोरोना वायरस की इस भयानक महामारी ने विश्व के सभी देशो को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है। क्योंकि यह बीमारी एक दूसरे को छूने से ज्यादा फैलती है। इसलिए कोई दूसरा देश चाहकर भी मदद नहीं कर सकता था। लेकिन भारत ने इस महामारी से लड़ने के लिए स्वदेशी पीपीई किट, सैनिटाइज़र और वेंटिलेटर जैसी चीजों का उत्पादन किया है। इन सभी चीज़ों का निर्माण आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ने का पहला कदम है।

आत्मनिर्भर भारत

भारत के पास संसाधनों की कोई कमी नही है। परंतु शुरुआती समय में लोगों को अवसर नही मिलता था। लेकिन कोरोना वायरस की वजह से लोगों को अवसर मिले, जिससे लोगो ने घरेलू उत्पाद शुरू किया। स्वदेशी उत्पादन के कारण हमें दूसरे देशों की मदद भी नहीं लेनी पड़ी और देश के लोगों का रोजगार भी बढ़ा। इसलिए हम कह सकते है कि, कोरोना महामारी के दौरान हमने कुछ हद तक आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार किया है।

 

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आत्मनिर्भर भारत अभियान क्या है

हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 12 मई 2020 को आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान के तहत आने वाले कुछ सालों में भारत अधिकतर वस्तुओं का निर्माण देश में ही करेगा। इसी वजह से इस अभियान का नाम आत्मनिर्भर भारत अभियान रखा गया है। इस अभियान का स्लोगन लोकल फॉर वोकल है।

इस अभियान का मुख्य उदश्य बाहर की वस्तुओं पर निर्भर न रहकर अपने ही देश में एक बेहतर और अच्छी गुणवत्ता वाला उत्पाद तैयार करना है। इस अभियान के तहत देश के हर उस क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा जिसमें भारत दूसरे देश की मदद लेता है। क्योंकि वर्तमान में हमारे दैनिक जीवन का अधिकांश सामान चीन, अमेरिका, सऊदी अरब और कोरिया जैसे कई देशों से आता है।

जब तक हम दूसरे देशों पर निर्भर हैं, तब तक हम विकसित देश नहीं बन सकते। अगर हमें अपने देश की विकास की झड़े मजबूत करनी है तो सबसे पहले आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा। और यह अभियान हमें आत्मनिर्भर बनने और भारत की अर्थव्यवस्था को सुधारने में बहुत मदद करेगा। भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है।

 

आत्मनिर्भर भारत अभियान के मुख्य चरण

आत्मनिर्भर भारत अभियान को मुख्य दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में इलेक्ट्रॉनिक, प्लास्टिक, चिकित्सा, वस्त्र और खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जबकि दूसरे चरण में एयर कंडीशनर, मोबाइल, कपड़े, दवाइयों, फर्नीचर, रत्न, आभूषण, फूट वेयर और पूंजीगत सामान जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।

 

आत्मनिर्भर भारत बनने के पाँच स्तंभ

नीचे दिए गए पांच स्तंभ भारत को आत्मनिर्भर बनाने में काफी मदद करेंगे।

  • अर्थव्यवस्था

भारत की वर्तमान अर्थव्यवस्था मिश्रित प्रकार की है। इसमें कुछ बड़े बदलाव करके हमे वृद्धिशील परिवर्तन के स्थान बड़े उछाल पर आधारित अर्थव्यवस्था बनानी होगी। क्योकि अर्थव्यवस्था एक ऐसा साधन है, जिससे भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

  • मांग

हमारे देश की जनसंख्या काफी ज्यादा है, इसलिए कच्चे माल की मांग हमेशा हमारे पास अधिक रहती है। कच्चे माल की कमी के कारण हमें अक्सर पड़ोसी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। लेकिन अगर हम अधिक मात्रा में कच्चे माल का निर्माण भारत में ही करे तो उस स्थिति में भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

  • इन्फ्रास्ट्रक्चर

भारत में ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाएगा जो पूरे विश्व में भारत की पहचान बनेगा। मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर भी भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।

  • तकनीकी

आज का युग तकनीकी युग है और भारत में तकनीक काफी विकसित है। इसी तकनीक का उपयोग करके भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

  • बढ़ती जनसंख्या

भारत के पास युवा शक्ति का विशाल भंडार है, क्योकि भारत में युवाओ की संख्या सबसे अधिक है। अगर भारत इन युवाओं को ज्यादा से ज्यादा काम दे तो युवा शक्ति से काफी मुनाफा कमा सकता है। इससे युवाओं को रोजगार भी मिलेगा और देश का विकास भी होगा। इसके साथ-साथ भारत की जनसंख्या पर नियंत्रण भी जरूरी है। इससे भी भारत आत्मनिर्भर बन सकता है।

 

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हम भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाये

हमारा देश प्राकृतिक संसाधन और जैव विविधताओं से परिपूर्ण है। लेकिन हम इसे बहुत नुकसान पहुंचाते है। यदि हम प्रकृति को संरक्षित करेंगे, तो इससे भारत को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी। क्योकि प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके हम अपने देश में ही कच्चे माल का उत्पादन कर सकते है।

इसके अलावा भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करना होगा और अपने स्तर पर देश को सहयोग करना होगा। 

हमारे युवा और हमारे छात्र भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अपना अहम योगदान दे सकते है। भारत के कई युवा अमेरिका, चीन और रशिया जैसे विकसित देशों में बहुत ही कुशलता से अपनी सेवाएं दे रहे है। अगर इसी तरह देश का हर युवा मेहनत करे तो भारत को आत्मनिर्भर बनने से कोई रोक नहीं सकता।

यदि भारत सरकार नए उद्योग स्थापित करती है और नए आविष्कारों से अपनी तकनीक में सुधार करती है तो भारत को चीन जैसे देशों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

भारत विविधताओं का देश है। यहां पर कई अलग-अलग तरह के धर्म, संस्कृति, भाषा, खान-पान और रहन-सहन करने वाले लोग रहते है। लेकिन भारत के कई समाजों में आज भी धर्म, जाति, लिंग का भेदभाव किया जाता है। इससे हमारे देश की तरक्की में समस्या होती है। इसलिए अगर हम भारत को आत्मनिर्भर बनाना चाहते है, तो धर्म, जाति, लिंग के भेदभाव से उठकर देश की आर्थिक प्रगति के लिए समान रूप से सामूहिक प्रयास करने होंगे।

भारत एक कृषि प्रधान देश है जहां देश की 70% आबादी कृषि पर निर्भर है। कृषि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो सकता है। लेकिन आज भी भारत में ज्यादातर लोग उसी पारंपरिक तरीके से खेती करते है। अगर हम इन पारंपरिक तरीकों को बदलकर वैज्ञानिक तरीके अपनाएं तो इससे कृषि में अच्छी पैदावार हो सकती है।

इन सबके अलावा हमें स्थानीय उत्पादों को अधिक बढ़ावा देना चाहिए। ये भी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगें।

भारत का संविधान भारत के हर नागरिक को शिक्षा, रोजगार और अन्य सभी चीजों के समान अवसर प्रदान करता है। देश के प्रत्येक नागरिक को सभी योजनाओं का लाभ समान रूप से मिलता है। इसके साथ-साथ देश का कोई भी व्यक्ति देश के किसी भी कोने में जाकर अपनी रोजी-रोटी कमा सकता है। इस तरह हमारे देश का संविधान भी हमें आत्मनिर्भर बनने में मदद करता है।

स्वस्थ नागरिक विश्व के किसी भी राष्ट्र के विकास के लिए आवश्यक है। क्योकि एक स्वस्थ इंसान हर काम की प्रगति में अपना योगदान दे सकता है, चाहे वह उद्योग हो या कृषि व्यवसाय।

भारत के प्रत्येक व्यक्ति को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी इच्छाशक्ति ही हमें मंजिल तक पहुंचा सकती है। जब अमेरिका ने जापान में परमाणु बम विस्फोट किया, तब जापान में स्थिति बहुत खराब थी। लेकिन आज जापान सबसे विकसित देशों में से एक है। क्योकि जापान के लोगों में हमेशा आगे बढ़ने की इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत है। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और हमेशा आगे बढ़ने की कोशिश करते रहे।

अगर हम आज से ही अपने देश को आगे बढ़ाने का फैसला करे और उसके पीछे कड़ी मेहनत करे तो आने वाले समय में भारत भी एक विकसित राष्ट्र बन सकता है।

 

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आत्मनिर्भर भारत के फायदे

आत्मनिर्भर बनने का सबसे पहला फायदा यह होगा कि, हमें किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ेगा। जैसे कि वर्तमान में भारत को दैनिक जीवन में उपयोग आने वाली चीज़ों का आयात चीन या अन्य पड़ोसी देशों से करना पड़ता है। लेकिन अगर भारत आत्मनिर्भर हो गया तो हमें किसी दूसरे देश के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

अगर भारत आत्मनिर्भर बनता है तो देश में ही कई वस्तुओं का निर्माण होगा। इससे देश में उद्योग बढ़ेंगा। देशी उद्योग के बढ़ने से भारत में कई नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इससे देश की बेरोजगारी कम होगी और अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। अगर देश के ज्यादातर लोगों को रोजगार मिल जाएगा तो देश की गरीबी कुछ हद तक कम हो जाएगी। इस तरह आत्मनिर्भरता से हम देश की गरीबी और बेरोजगारी दोनों को कम कर सकते है।

अगर हमने कुछ चीजों का अधिक उत्पादन किया है तो हम ऐसी चीजों का निर्यात भी कर सकते है। इससे देश में विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ेगा और दुनिया में हमारे पैसे का मूल्य बढ़ेगा। इस तरह आत्मनिर्भर भारत हमारे लिए कई फायदे लेकर आएगा।

 

आत्मनिर्भर भारत के सामने कुछ चुनौतियाँ

इस दुनिया में हमें एक छोटी सी चीज़ पाने के लिए भी कई चुनौतियाँ का सामना करना पड़ता है। इस तरह भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी हमे कुछ चुनौतियाँ का सामना करना पड़ेगा।

जिसमें सबसी पहली चुनौति है, लागत और गुणवत्ता। इस समय हमारे देश में कई ऐसी कंपनियां है, जिनके पास ज्यादा अनुभव नहीं है। इस वजह से भारत के उत्पाद निर्माण में यह देखना जरूरी है कि इस कंपनी द्वारा बनाए गए उत्पादों की गुणवत्ता कम लागत में अच्छी है या नहीं। लेकिन अक्सर यह देखा गया की, कम लागत वाली वस्तुए ज्यादा अच्छी नहीं होती।

इसके अलावा आर्थिक समस्या भी आत्मनिर्भर भारत के सामने एक बड़ी चुनौति है। क्योकि वर्तमान समय में भारत की जनसंख्या और गरीबी दोनों ही तेजी से बढ़ रही है। इसलिए अगर किसी नए व्यक्ति को औद्योगिक क्षेत्र में आना है, तो उसे सक्रिय पूंजी और वित्तीय तरलता की चुनौती का सामना करना पड़ेगा। इस वजह से अगर किसी के पास एक अच्छा विचार है, तो भी वह अपना खुद का उत्पादन करने से डरता है।

आधारभूत ढांचे का अभाव भी आत्मनिर्भर भारत की समस्या है। कई विशेषज्ञों के अनुसार, विश्व की कई बड़ी-बड़ी कंपनियों के भारत में नहीं आने का एक मुख्य कारण भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में एक मज़बूत आधारभूत ढांचे का अभाव है। इसी कारण भारत में ज़्यादातर वस्तुओं का आयात किया जाता है। अधिक आयात के कारण ही हमें दूसरे देश पर निर्भर रहना पड़ता है। इस तरह अगर हम इन तीन चुनौतियों का समाधान कर लें तो भारत आसानी से आत्मनिर्भर बन सकता है।

 

निष्कर्ष

भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए देश के प्रत्येक नागरिक को हर संभव प्रयास करने चाहिए। इसके साथ-साथ हमें अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। जिस तरह हमने कोरोना से लड़ने के लिए स्वदेशी पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर का निर्माण किया था, अगर हम देश के अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह काम करते है तो आने वाले कुछ ही सालो में भारत आत्मनिर्भर बन जाएगा।


अगर आपको इस निबंध से कुछ भी लाभ हुआ हो, तो इसे share करना ना भूले। आत्मनिर्भर भारत पर निबंध पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद (Aatm Nirbhar Bharat Essay in Hindi)


FAQ

आत्मनिर्भर भारत योजना क्या है ?

आने वाले कुछ सालों में भारत की ज़्यादातर चीज़ों का निर्माण देश में करने के लिए इस अभियान को बनाया गया है।

आत्मनिर्भर भारत स्लोगन क्या है ?

स्लोगन लोकल फॉर वोकल

भारत आत्मनिर्भर कैसे बनेगा ?

वर्तमान समय में हम जितनी भी चिजे दूसरे देशों से आयात करते है, अगर हम इन चीज़ों को भारत में ही निर्माण करने लगे तो कुछ ही सालो में हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा।


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