शिक्षक दिवस पर भाषण-teachers day speech in hindi

दोस्तो आज हम teachers day speech in hindi यानि शिक्षक दिवस पर भाषण कैसे देना है, इस’के बारे मे जानने वाले है। शिक्षक दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय में स्पीच-भाषण का आयोजन किया जाता है। अगर आप भी शिक्षक दिवस पर स्पीच देने का विचार कर रहे है तो यह पोस्ट आपके लिए है। 

भाषण देने के लिए कुछ टिप्स 

अपनी स्पीच शुरू करने से पहले आप मंच पर जाकर सभा में उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन करें। उसके बाद अपना परिचय दें, अपना नाम ओर कौन-सी कक्षा में पढ़ते है वो भी बताएं। लेकिन आप स्कूल मे नहीं किसी अन्य आयोजन में स्पीच दे रहे है तो अपनि संस्था का नाम भी बताएं। वहाँ पे मौजूद सभी लोगो को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं भी दें ।  

फिर आप अपने आयोजनकर्ता या शिक्षक का धन्यवाद करें जिन्होंने इस महान अवसर पर आपको भाषण देने का मौका दिया है। स्पीच के दरमियान अपने किसी प्रिय टीचर के बारे में बताए या उनसे जुड़ी किसी घटना को अपनी स्पीच में बताए। इसके अलावा अपनी स्पीच में ये भी बताए की शिक्षक की अहमियत छात्र के जीवन में क्या होती है। शिक्षा के क्षेत्र में जिन हस्तियो का अतुलनीय योगदान है उनके बारे में भी बता आप बता सकते है। तो चलिये अब शिक्षक दिवस पर भाषण को शुरू करते है ।

अब अपनी स्पीच शुरू करे :

आदरणीय शिक्षकगण और मेरे सभी प्यारे दोस्तों। सबसे पहले मैं आप सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देता/देती हूं। शिक्षक दिवस पर कुछ भी बोलना ये मेरे लिए सौभाग्य है।

मेरा नाम ______ है और मैं कक्षा __ में पढ़ता हूँ। मैं आभारी हूं उन सभी शिक्षको का जिन्होंने आज के इस अवसर पर मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया है। हम सब को पता है कि आज हमारे एकत्र होने का कारण क्या है। लेकिन फिर भी में बताना चाहूँगा कि आज हम हमारे देश के भविष्य को निर्माण करने वाले उन सभी शिक्षकों के कठिन प्रयासों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र हुए है। साधारण भाषा में समझे तो आज हम शिक्षक दिवस को मनाने के लिए एकट्ठा हुए है।

अगर आपके सामने शिक्षक और भगवन दोनों है और आपको बोला जाए के इन दोनों में से सबसे पहले आप किसके चरण स्पर्श करेंगे। तो आप क्या करेंगे ? इसका जवाब महान कवि कबीरदास जी ने बहुत अच्छा लिखा है कि हमें पहले शिक्षक के चरण को स्पर्श करना चाहिए क्यूंकि भगवन तक पहुंचने का रास्ता हमें एक शिक्षक ही बता सकता है। शिक्षक ही छात्रो को सही ज्ञान देकर भगवान तक पहुंचाता है।

शिक्षक दिवस के इस अवसर पर हम सभी छात्र शिक्षकों को उनके कार्य के लिए आभार व्यक्त करते है। आज हम जो भी है, जिस जगह पर है, वो सब एक शिक्षक के बताये हुए ज्ञान से है। शिक्षक दिवस पुरे विश्व में बहुत ख़ुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन अलग-अलग देशों में अलग- अलग दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

International Teachers Day या विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 OCTOBER को मनाया जाता है| इसका उद्देश्य पुरे विश्व के शिक्षकों के लिए समर्थन संगठित करना और भविष्य की आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों को पूरा करना है। इसकी शुरुआत सन 1994 में हुई थी। इसी तरह सयुंक्त राज्य अमरीका में 9 मई के दिन, दक्षिण कोरिया और मैक्सिको में 15 मई के दिन, मलेशिया में 16 मई के दिन, फ्रांस में 5 अक्टूबर को, स्पेन में 27 नवंबर को और इज़राइल में 22 दिसंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है|

लेकिन आप सब के मनमें यह प्रश्न जरूर आता होगा कि आखिर शिक्षक दिवस की उत्पत्ति या उद्भव कैसे हुआ। मैं आपको बताना चाहता हु कि शिक्षक दिवस मूल हमारे प्रथम उपराष्ट्रपति और द्वित्य राष्ट्रपति यानि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए अब हम थोड़ा उनके के बारे में जानेंगे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। वो एक महान भारतीय दार्शनिक, राजनेता और भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति और द्वित्य राष्ट्रपति थे।

ऊपर बताए गए सारे होद्दों ओर डिग्रियो से पहले डॉ राधाकृष्णन बहुत बड़े शिक्षक थे और शिक्षा के प्रति उनकी गहरी सोच और विश्वास था। उस वक्त भी वो भारत के सभी शिक्षकों के लिए एक बहुत बडी मिसाल थे। जब डॉ राधाकृष्णन द्वित्य राष्ट्रपति बने तब उनके दोस्तों और स्टूडेंट्स ने अनुरोध किया की वे उन्हें अनुमति दें कि  लोग 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मना सके। 

लेकिन डॉ राधाकृष्णन ने कहा कि इसे सिर्फ मेरे जन्म दिन पर मनाने के बजाय अगर पुरे भारत के शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाये तो में बहुत गर्व महसूस करूंगा। और तभी से यानि 1962 से हर साल 5 सितम्बर को डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिनपर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

शिक्षक एक ऐसा शब्द है जिसको परिभाषित करना ही बहुत मुश्किल है। क्योकि एक शिक्षक न सिर्फ हमें सही रास्ते पर चलना सिखाता है, बल्कि जीवन में कौन सा केरियर चुनना चाहिए और कैसे आगे बढ़ना चाहिए ये सब भी हमें सिखाता है।  इस दुनिया हमारे माता-पिता के अलावा गुरु ही हमें बाकी लोगो से ज्यादा समझते है। इसलिए किसी छात्र का सम्पूर्ण चरित्र और व्यक्तित्व का विकास करना हो तो एक शिक्षक के बिना मुश्किल है। 

एक शिक्षक शिल्पकार की तरह होता है। वो अपने विद्यार्थियों को सही दिशा में शिल्प करके देश का योग्य नागरिक बनाता है। इसलिए किसी भी देश के विकास में उसके शिक्षकों की भूमिका अहम होती है। किसी भी व्यक्ति की जिंदगी को सही आकार देने में शिक्षकों का बड़ा हाथ होता है। माता पिता के बाद हमारे गुरु ही हमारे मार्ग दर्शक है। सही और गलत का परख करना एक गुरु ही सिखाता है।

हमें प्यार और गुण देने के लिए हमारे माता-पिता जिम्मेदार है, लेकिन हमारा भविष्य उज्ज्वल और सफल बनाने के लिए हमारे शिक्षक जिम्मेदार है। अध्यापक विध्यार्थीओ को अपने बच्चे की तरह बड़ी गंभीरता और सावधानी से शिक्षित करते है। एक शिक्षक समाज, देश और विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाता है। क्योकि देश के बड़े व्यापारि, वैज्ञानिक, इंजीनियर, किसान, डॉक्टर, राजनेता, और कलाकार बनने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षा बहुत ही आवश्यक होती है।

हर छात्र के लिए शिक्षक दिवस इसलिए बहुत महत्व है, क्योकि साल में एक दिन तो एसा हो जिस दिन छात्र बता सके की शिक्षको का उनके जीवन में क्या महत्व है। इस दिन छात्र अपनी भावनाओं को बता सकते है। उनके मन में शिक्षक के प्रति जो प्यार और सम्मान है वो इस दिन दिखा सकता है। क्योकि पूरे साल में तो उनके ऊपर स्कूल के ढेर सारे काम और जिम्मेदारी रहती है। इसलिए इस दिन वो अपने सभी कामों से मुक्त होकर अपने छात्रों के द्वारा किए गए आयोजनों का आनंद ले सकते है। 

अपने भाषण की समाप्ति से पहले यहाँ पर बैठे सभी शिक्षकों को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहूँगा। क्योकि हम विध्यार्थीओ की इतनी शैतानिया झेलने के बाद भी आप हमारे साथ खड़े रहे, हमें समझाया और हर विध्यार्थी की कमियों का दूर किया। इन सब के लिए में अपने सभी साथी विध्यार्थीओ की और से शिक्षकों को एक बार फिर से धन्यवाद देना चाहता हूँ।

यहाँ पर आपका भाषण समाप्त होता है।


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