किसी ने क्या खूब लिखा है कि निव जितनी पक्की होगी इमारत उतनी ही कठिन और मजबूत होगी। अगर हम इमारत रूपी हमारे देश को मजबूत करना चाहते है, तो पहले हमें बच्चो रूपी निव को मजबूत करना होगा। और इसीलिए हर साल हम 14 नवंबर को बाल दिवस मनाते है। साल 1889 में 14 नवंबर को यानि आज ही के दिन हमारे पहले प्रधानमंत्री नेहरुजी का जन्म हुआ था। उनकी याद में बाल दिवस मनाया जाता है।
नेहरुजी की याद में इसलिए क्योकि वो बच्चो को बहुत प्यार करते थे। जब वे प्रधानमंत्री बने तब भी उनकी पहली प्राथमिकता बच्चों की शिक्षा ही थी। इसलिए तो उन्हे चाचा नेहरू भी कहा जाता था। उनके मुताबिक बच्चो को प्यार और लगाव के साथ पालना चाहिए और उनके साथ अच्छे से बर्ताव करना चाहिये। क्योकि बच्चे हमारे देश का भविष्य है। वो बड़े होकर देश के नागरिक बनने वाले है। इसी कारण अगर उनको आज से ही देश प्रेम और अच्छे गुण सिखाये जाए तो देश का विकास तेजी से हो सकता है।
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बाल दिवस का इतिहास
बाल दिवस की शुरुआत साल 1925 में की गई थी और हमें गर्व होना चाहिए कि विश्व स्तर पर बाल दिवस मनाये जाने का प्रस्ताव श्री वी कृष्णन मेनन द्वारा दिया गया था। उसके बाद सबसे पहली बार बाल दिवस अक्टूबर महीने में मनाया गया था। परंतु इस समय दुनिया के सभी देशो ने बाल दिवस को स्वीकृत नहीं किया था। आखिर में 20 नवंबर को सभी देशो ने बाल दिवस को स्वीकृति दी और संयुक्त राष्ट्रसभा द्वारा पूरे विश्व में बाल दिवस मनाने की घोषणा की गई।
भारत ने अपना पहला बालदिन 20 नवंबर 1959 में मनाया था। इसके कुछ सालो तक भारत में 20 नवंबर के दिन ही बाल दिवस मनाया जाता था। लेकिन 1964 में हमारे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी और पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की म्रत्यु हुई। उनको बच्चे से बहुत लगाव था और वो भी बच्चो में लोकप्रिय थे। उन्होने युवाओं के विकास और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए थे।
उसके लिए उन्होने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान जैसे कई शैक्षिक संस्थाओ की स्थापना करी थी। इसलिए भारत ने उनके जन्मदिन यानि 14 नवंबर को बाल दिवस मनाने का फैसला किया। इसके लिए संसद में एक प्रस्ताव पारित किया गया और उसके बाद से भारत में बाल दिवस 14 नवम्बर को मनाया जाने लगा। इसके अलावा अमेरिका में जून के दूसरे रविवार को, चीन में 4 अप्रैल को, पाकिस्तान में 1 जुलाई को, जापान में 5 मई को, ब्रिटेन में 30 अगस्त को और पश्चिमी जर्मनी में 20 सितंबर को बाल दिवस मनाया जाता है।
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ?
बच्चो का मन निर्मल और कोमल होता है और जैसा घर का माहौल होता है, वैसा ही वो घर में पल रहे बच्चे का दिल होता है। बच्चो के सामने की गई हर छोटी बात उनके दिमाग पर गहरा असर डालती है। भविष्य में यही बच्चे हमारे देश के नागरिक बनने वाले है। उस वक्त हमारे देश की कमान उनके हाथों में होगी। जिसकी वजह से अगर उनका आज बेहतर होगा तो देश का आने वाले कल भी महत्वपूर्ण होगा। इसलिए बच्चों को सही मात्रा में पोषण, शिक्षण और संस्कार मिले इसका ख्याल रखना हमारे लिए जरूरी है।
इसके अलावा बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी है। बाल दिवस मनाने का मुख्य कारण ही यही है कि लोगों को बच्चों के अधिकार तथा अच्छे पालन-पोषण के विषय में जागरुक किया जा सके। बच्चे एक राष्ट्र की वास्तविक ताकत और समाज की नींव है। आप एक बार विकसित देशो का विश्लेषण करे तो पता चलेगा कि ऐसे देश उनकी भावी पेढ़ी यानि बच्चो पर कितना ध्यान देते है। उनको पता है कि बच्चे गीले सीमेंट की तरह होते है। बचपन में जो चिज उन पर गिरती है, वह एक छाप बन जाती है।इसलिए भारत के हर व्यक्ति को अपने बच्चों की जिम्मेदारी समझनी चाहिये।
वर्तमान में हर जगह बाल श्रमिकों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है। हर देश में बच्चो के लिए अनेक कानून बनाए गए है। लेकिन फिर भी बच्चो पर हो रहे आत्याचार कम होने का नाम नहीं ले रहे है।लेकिन बाल दिवस के जरिये हमें बच्चो पर हो रहे आत्याचार को कम करने की कोशिश करनी है। ताकि लोगो के अंदर बच्चो के प्रति जागरूकता आए।
भारत में बाल दिवस कैसे मनाया जाता है ?
भारत में बाल दिवस को ढेर सारी क्रिया-कलापों के साथ मनाया जाता है। इस दिन स्कूल में नैतिक, शारीरिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधित कई सारी प्रतियोगिताएँ रखी जाती है। इसके अलावा बाल-मेलो का आयोजन भी स्कूलो में किया जाता है। इस दिन स्कूलो में बच्चों को नये कपड़े, अच्छा भोजन और पढ़ने के लिए किताबें दी जाती है और बच्चों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाता है।
इस दिन भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और बच्चे पंडित जवाहर लाल नेहरू की समाधि स्थल शांतिवन पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करते है। बच्चों के भविष्य को लेकर नई-नई योजनाओं पर विचार किया जाता है ।देश के प्रत्येक छोटे-बड़े शहर में बाल दिवस को बहुत ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।
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विश्व स्तर पर बाल दिवस का कार्यक्रम
जैसा हमने आगे भी जाना कि बाल दिवस विश्व में अलग-अलग दिन को मनाया जाता है। लेकिन हर जगह इसका मकसद एक ही है कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हे बुनायदी सुविधाएं मुहैया करवाना।विश्व में पहली बार बाल दिवस का कार्यक्रम जून 1857 में अमेरिका मे आयोजित किया गया था। वहा के एक पादरी डॉ. चार्ल्स लेनर्ड ने इसको पूरा आयोजित किया था।
लेकिन इस समय अमेरिका मे बाल दिवस को फ्लावर संडे के नाम से जाना जाता था। बाद में इसका नाम बदलकर बाल दिवस कर दिया। इसी तरह विभिन्न देशों ने भी इसे अपनाया और अपनी महत्ता और मान्यताओं के अनुसार इसे अलग-अलग दिन मनाना शुरू किया। दुनिया के सभी देशो में इस दिन बहुत उत्साह होता है।
बाल दिवस का महत्व
बाल दिवस के जरिये हम बच्चो तक उनके अधिकार पहोचा सकेंगे। और अगर उनको बचपन से ही उनके अधिकार और कर्तव्यों के बारे में पता होगा तो वह अपने खिलाफ होने वाले अत्याचारों और शोषण के विरुद्ध आवाज उठा सकेंगे। उनको पता होगा की सही क्या है और गलत क्या है ? उनको अच्छाई और बुराई की समझ होगी। बाल दिवस के जरिये उनको पता चलेगा कि जैसा आज का बचपन होगा वैसी ही कल आपकी जवानी।
निष्कर्ष
इतना सब कुछ जानने के बाद शायद अब आप लोगो को पता चल गया होगा कि बाल दिवस हमारे देश के लिए कितना महत्वपूर्ण है। लेकिन एक प्रश्न हमें अपने आपसे पूछने की जरूरत है कि क्या हम बाल दिवस मनाने के बाद भी बच्चो की हालत में सुधार ला पाए है। और अगर आपका जवाब हा है तो, क्यो आज भी हमारे देश में बच्चों को कड़ा श्रम क्यों करना पड़ता है, उन्हे क्यो आधुनिक शिक्षा का लाभ नही मिल पाता और खास कर हमारी बच्चियो को क्यो समाज के कड़े नियमो के नीचे दबना पड़ता है। आज भी बड़ी संख्या में बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड किया जाता है। छोटी सी उम्र में उन फूल जैसे बच्चो को मजदूरी करवाई जाती है, आखिर क्यो? इस पर हमें एकबार सोचने की जरूरत है। (Essay On Bal Diwas in Hindi)
FAQ
बाल दिवस कब मनाया जाता है ?
14 नवंबर
बाल दिवस क्यों मनाया जाता है ?
नेहरुजी ने कहा था कि नींव जितनी पक्की होगी इमारत उतनी ही मजबूत होगी। इसलिए अगर हम इमारत रूपी हमारे देश को मजबूत करना चाहते है, तो बच्चो रूपी नींव को मजबूत करना होगा। इसके अलावा नेहरुजी को बच्चो से बहुत लगाव था। इसीलिए हर साल उनके जन्मदिन पर देश में बाल दिवस मनाया जाता है।
विश्व स्तर पर बाल दिवस मनाने का प्रस्ताव किस भारतीय ने रखा था ?
श्री वी कृष्णन मेनन
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